Wednesday 13 September 2017

थायरॉईड: माहिती वाचा पण उपचारासाठी डॉक्टर सल्लाच हवा

thyroid symptom reason and treatment in hindi 

थायराइड का इलाज इन हिंदी: थायराइड गले की  ग्रंथि  है जिससे थय्रोक्सिन हार्मोन बनता है। इस हार्मोन का संतुलन जब बिगड़ने लगता है तब ये एक रोग बन जाता है। ये हार्मोंस जब कम हो जाते है तब शरीर का मेटाबॉलिज्म काफी तेज होने लगता है और शरीर की ऊर्जा भी जल्दी खत्म हो जाती है और जब ये हार्मोंस अधिक हो जाए तो मेटाबॉलिज्म रेट काफी धीरे होने लगता है, जिस वजह से शरीर में ऊर्जा कम बनती है और सुस्ती, थकान बढ़ने लगती है। ये रोग महिलाओं में अधिक होता है। इसके उपचार के लिए लोग कई प्रकार की दवा का सेवन भी करते है। अगर आप थायराइड जड़ से खत्म करने के उपाय करना चाहते है तो यहाँ लिखे घरेलू तरीके और देसी आयुर्वेदिक नुस्खे पढ़े,

थायराइड ग्रंथि के बढ़ने पर कई प्रकार की समस्याएं आ सकती है। थायराइड कोलेस्ट्रॉल, दिल, हड्डियों और मांसपेशियों पर भी असर डालती है। बच्चों में ये रोग होने पर शरीर फैलना और लंबाई बढ़नी रुकना जैसी समस्याएं आने लगती है। थायराइड दो तरह का होता है – हाइपरथायराइड और हाइपोथायराइड। हाइपरथायराइड होने पर शरीर में थायराइड हार्मोंस कम होने लगते है और हाइपोथायराइड में हार्मोंस बढ़ने लगते है।

पुरुषों और महिलाओं में थायराइड लक्षण Thyroid Ke lakshan

थायराइड होने पर व्यक्ति का मन किसी काम में नहीं लगता और वह धीरे धीरे डिप्रेशन में आ जाता है। सोचने समझने की ताकत और याददाश्त कमजोर होने लगती है। सही समय पर अगर इस रोग को पहचान कर उपचार किया जाए तो इस बीमारी को बढ़ने से रोक सकते है।

हाइपर थायराइड के लक्षण – Hyper Thyroid ke lakshan

वजन कम होना,हार्ट बीट तेज होना,पसीना जादा आना,हाथ और पैरों में कप कपी होना आदि हैं ।

हाइपो थायराइड के लक्षण – Hypo Thyroid ke lakshan

वजन बढ़ना

क़ब्ज़ रहना

भूख कम लगना

स्किन रूखी होना

ठंड जादा लगना

आवाज़ में भारीपन आना

आँखो और चेहरे पर सूजन

सिर, गर्दन और जोड़ों में दर्द होना

थायराइड होने का कारण Thyroid ke karan

अधिक तनाव लेने से भी थिराइड ग्रंथि पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

कई बार दवाओं (मेडिसिन) के साइड एफेक्ट से भी ये बीमारी हो जाती है।

भोजन में आयोडीन कम या जादा प्रयोग करने से भी थाइरोइड की समस्या हो जाती है।

परिवार में अगर किसी को थाइरोइड हो तो दूसरे सदस्यों को भी थाइरोइड होने की संभावना बढ़ जाती है।

प्रोटीन पाउडर, सप्लीमेंट्स या कैप्सूल के रूप में सोया के प्रोडक्ट्स के अधिक सेवन से थायराइड होने की संभावना बढ़ती है।

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आपको अगर थाइरोइड के लक्षण दिख रहे है तो पहले इसका टेस्ट करवाए। टी3, टी4, टीएसएच् टेस्ट करवाने से शरीर में थायराइड लेवल चेक किया जाता है।

हल्दी दूध: थायराइड कण्ट्रोल करने के लिए आप रोजाना दूध में हल्दी को पका कर पिए। अगर हल्दी वाला दूध न पिया जाये तो हल्दी को भून कर इसका सेवन करे।

लौकी का जूस: रोजाना सुबह खली पेट लौकी का जूस पिने से भी थाइरोइड खत्म करने में मदद मिलती है। जूस पिने के आधे घंटे तक कुछ खाये पिए नहीं।

तुलसी और एलोवेरा: दो चम्मच तुलसी के रास में आधा चम्मच एलोवेरा जूस मिला कर सेवन करना भी इस बीमारी से छुटकारा पाने का उत्तम उपाय है।

लाल प्याज: प्याज को बीच से काट कर दो टुकड़े कर ले और रात को सोने से पहले थायराइड ग्रंथि के आस पास मसाज करे। इसके बाद गर्दन से प्याज का रस को धोये नहीं।

हरा धनिया: थायराइड का घरेलू ट्रीटमेंट करने के लिए हरा धनिया पीस कर चटनी बनाये और एक गिलास पानी में एक 1 चम्मच चटनी घोल कर पिए। इस उपाय को जब भी करे ताजी चटनी बना कर ही सेवन करे। ऐसा धनिया ले जिसकी सुगंध अच्छी हो। इस देसी नुस्खे को नियमित रूप और सही तरीके से करने पर थायराइड कंट्रोल में रहेगा।

काली मिर्च: काली मिर्च थायराइड का उपचार में काफी फयदेमंद है। किसी भी तरीके से ले आप काली मिर्च का सेवन करे आप को फायदा करेगी।

अश्वगंधा: रात को सोते वक़्त एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण गाय के गुनगुने दूध के साथ सेवन करे।

एक्सरसाइज: रोजाना आधा घंटा एक्सरसाइज करे, इससे थाइरोइड बढ़ता नही है और कंट्रोल में रहता है।  .

निम्बू की पत्तियां का सेवन थाइरोइड को नियमित करता है, इसका सेवन करने से थाइरोक्सिन के अत्यधिक मात्रा में बनने पर रोक लगती है और इसकी पत्तियों की चाय भी बनाकर पी जाती है, आप इसकी चाय या रस पी सकते हैं.

थायराइड से छुटकारा पाने के लिए अगर आप आयुर्वेदिक दवा लेना चाहते है तो कांचनार गुग्गुलु ले। ये दवा आपको किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर से मिल जाएगी।

थाइरोइड में क्या खाएं – Thyroid me kya khaye

थाइरोइड से प्रभावित रोगी को अपनी डाइट में विटामिन ए अधिक मात्रा में लेना चाहिए। हरी सब्जियां और गाजर में विटामिन ए जादा होता है जो थायराइड को कंट्रोल करने में मदद करता है।थायराइड से प्रभावित व्यक्ति को प्रतिदिन तीन से चार लीटर पानी पीना चाहिए, ये शरीर से विशाले पदार्थ निकालने में काफी मदद करता है। इसके इलावा एक से दो गिलास फलों का जूस भी पिए। हफ्ते में एक दिन आप नारियल पानी पिए तो अच्छा है।आयोडीन थायराइड कंट्रोल करने में काफ़ी असरदार है पर जितना हो सके नेचुरल आयोडीन का सेवन करे, जेसे की टमाटर, प्याज और लहसुन।

।बाज़ार में उपलब्ध सफेद नमक का थायराइड में परहेज करे, खाने में सिर्फ सेंधा या कला नमक ही प्रयोग करे।

थायराइड के रोगी को हर तीन महीने में इसकी जांच करवानी चाहिए और टेस्ट करवाने से पहले इस बात का विशेष ध्यान रहे की थायराइड टेस्ट के 12 घंटे पहले तक कुछ खाए पिए नहींथायराइड ट्रीटमेंट योगा से करने के लिए baba ramdev के बताए उज्जयी प्राणायाम योगासन कर सकते है।मत्स्यासन,विपरितकरनी,उज्जयी प्राणायाम आदि हैं ।

थाइरोइड के इलाज के लिए आप को दोनो पैरों और हाथों के अंगूठे के नीचे उठे हुए भाग पर दबाव देना है।

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